मुफ्त राशन योजना के माध्यम से पुरे देश में प्रत्येक महीने बहुत ही कम कीमत में चावल और गेहूं का वितरण किया जाता है । चूंकि राशन की मात्रा कम हो गयी है, ऐसे में कम अनाज मिलेगा। इससे लाभार्थियों को दिक्कत आ सकती है ।
जिला स्तर पर आवंटन में भी कटौती
इस कटौती के कारण बिहार के हर जिले में आवंटित अनाज की मात्रा में कमी आई है. बताते चले कि भागलपुर जिले के साथ-साथ अन्य जिलों में भी गेहूं और चावल का आवंटन कम हो गया है। इसके पहले भागलपुर जिले में 1,33,042 मीट्रिक टन अनाज दिया जाता था, जो अब घटा करके 1,27,497 मीट्रिक टन दिया गया है. इस प्रकार प्रत्येक जिले में अनाज की कम मात्रा का वितरण किया गया है।
क्या हैं इस नये आवंटन के नियम?
नये आवंटन नियम के हिसाब से राज्य में प्रति व्यक्ति को मिलने वाले अनाज की मात्रा को कम कर दिया गया है । अब प्रत्येक लाभार्थी परिवार को पहले की अपेक्षा कम अनाज मिलेगा। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए नियम के अनुसार अनाज के वितरण में कमी का असर सभी जिलों में देखने को मिलेगा.
जानिए क्या है कटौती का कारण ?
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत सरकार ने यह फैसला अनाजों के दाम में आर्थिक उछाल को ध्यान में रखते हुए किया है. सरकार ने खाद्य सब्सिडी में कटौती और आर्थिक दबाव के कारण राशन वितरण में कटौती का प्रस्ताव लाया है. इसके अलावा केंद्र सरकार के लिए बढ़ती खाद्य कीमतों और आर्थिक स्थिति में स्थिरता लाने के प्रयासों को भी मुख्य कारण बताया जा रहा है।
जिलेवार आवंटन के आधार पर वितरण का दिशा निर्देश
किसी भी राज्य में जिलों को आवंटित राशन की मात्रा का निर्धारण उस जिले की जनसंख्या और जरूरत के आधार पर किया जाता है. मालूम हो कि भागलपुर जैसे जिलों में आवंटन में कटौती से वहां के गरीबों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। जिला आपूर्ति अधिकारी के एक बयान के अनुसार विभाग के पास दिए गए नए आवंटन के अनुरूप ही जिले के सभी लाभार्थियों को अनाज वितरित करने की योजना बनाई जा रही है।
मुफ्त राशन योजना से मिलने वाले अन्य सेवाएं
फ्री राशन योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों के पास राशन कार्ड होना अनिवार्य है। इस योजना के माध्यम से सरकार की ओर से विभिन्न जिलों में फ्री में अनाज बांटा जाता है। तत्काल लाभार्थियों को इस योजना में किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं मिलती, केवल कम कीमत पर गेहूं और चावल मिलता है।